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Sonam Yadav: फिरोजाबाद के एक मजदूर की बेटी सोनम ने रोशन किया नाम, भारत को चैंपियन बनाने में की मदद

भारतीय महिला अंडर-19 टीम ने टी20 विश्व कप जीत लिया है। टीम इंडिया में फिरोजाबाद की क्रिकेटर सोनम यादव का भी चयन हुआ था। 16 साल की सोनम ने भारतीय टीम को चैंपियन बनाने में अहम योगदान दिया। उन्होंने भारत के लिए छह मैच खेले और चार विकेट लिए। सोनम का सपना भारत की सीनियर महिला टीम के लिए खेलना है। सोनम एक प्रतिभाशाली ऑलराउंडर हैं। बाएं हाथ से स्पिन के अलावा वह मध्यक्रम की बल्लेबाज भी हैं। उनके इसी ऑलराउंड प्रदर्शन की वजह से उनपर अब आगामी महिला आईपीएल में अच्छी बोली लग सकती है।

क्रिकेटर सोनम यादव की मां गुड्डी देवी ने कहा कि मेरी बेटी जहां है वहां तक पहुंचने के लिए उसने बहुत मेहनत की है। उसकी मेहनत रंग लाई है। मुझे बहुत खुशी है कि मेरी बेटी ने देश को गौरवान्वित किया है।

13 साल की उम्र से ही क्रिकेट में दिखाई थी रुचि

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सोनम का घर थाना टूंडला इलाके के राजा के ताल के पास है। मध्यमवर्गीय परिवार की सोनम के पिता मुकेश कुमार कांच के कारखाने में काम करते हैं। उनके परिवार का कहना है कि सोनम जब 13 साल की थीं, तभी से उनकी क्रिकेट के प्रति काफी रुचि थी। पास के ही एक मैदान में सोनम ने लड़कों के साथ क्रिकेट खेलना शुरू किया था। गेंदबाजी में वह अक्सर अपनी उम्र से बड़े खिलाड़ियों को आउट कर देती थीं। इसने उनका हौसला और बढ़ा दिया था। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

क्रिकेट के प्रति सोनम की रुचि को देखकर उनका एडमिशन फिरोजाबाद के ही क्रिकेट कोचिंग सेंटर में हुआ। अपनी प्रतिभा के दम पर उन्होंने भारतीय अंडर-19 टीम में जगह बनाई। इसके बाद सोनम को चार दिन की ट्रेनिंग के लिए गोवा भेजा गया। टीम में चयन के बाद उन्हें आगे की ट्रेनिंग के लिए विशाखापटनम भेज दिया गया। सोनम अपनी कामयाबी का श्रेय, पिता, भाई अमन यादव, कोच रवि यादव और विकास पालीवाल को देती हैं।

भारत के चैंपियन बनने के बाद सोनम के परिवार को दूर-दूर से बधाइयां मिल रही हैं। सोनम का कहना है कि यह तो महज शुरुआत है और उन्हें अभी और मेहनत करके सीनियर टीम में जगह बनाना है। भाई अमन बताते हैं कि ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद उन्होंने खुद क्रिकेट खेलना बंद कर प्राइवेट नौकरी की और सोनम को क्रिकेट की हर तरह की ट्रेनिंग दिलवाने की ठानी। कोच रवि बताते हैं कि सोनम पहले बल्लेबाज बनना चाहती थीं, लेकिन उन्होंने जब गेंदबाजी देखी तो हैरान रह गए। इसके बाद कोच रवि ने बल्लेबाजी के साथ सोनम को गेंदबाजी करने की सलाह दी। इसी ऑलराउंडर प्रदर्शन ने टीम इंडिया को विश्व विजेता बनने में मदद की।

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विश्व कप में सोनम का प्रदर्शन

सोनम ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एक विकेट लिया था। यूएई के खिलाफ सोनम को प्लेइंग-11 में शामिल नहीं किया गया था। इसके बाद स्कॉटलैंड के खिलाफ उन्होंने प्लेइंग-11 में वापसी की और सिर्फ एक रन देकर दो विकेट झटके। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सोनम ने तीन ओवर में 22 रन देकर एक विकेट लिया। श्रीलंका के खिलाफ मैच में सोनम को कोई विकेट नहीं मिला, लेकिन वह काफी किफायती रहीं। तीन ओवर में उन्होंने सिर्फ सात रन दिए। न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में सोनम को कोई विकेट नहीं मिला। इंग्लैंड के खिलाफ फाइनल में सोनम ने सिर्फ तीन रन देकर एक विकेट लिया।

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