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पिता करते थे गैस सिलेंडर डिलीवरी का काम। खुद कोचिंग में किया झाड़ू पोछा का काम। अब आईपीएल के सुपरस्टार बने रिंकू सिंह।

आखिरी 5 गेंदों में 5 छक्के लगाकर कोलकाता नाइट राइडर्स को जीत दिलाने वाले रिंकू सिंह की चर्चा हर तरफ हो रही है। आईपीएल के सीजन में रिंकू का प्रदर्शन लगातार बेहतर हो रहा है। उन्होंने लखनऊ के खिलाफ मैच में भी 15 गेंदों में 40 रन बनाया था। कल गुजरात टाइटंस के खिलाफ मैच में उन्होंने आईपीएल इतिहास का सबसे अलग जीत हासिल किया था। अब तक आखरी हो घर में किसी भी टीम ने इतने रन बनाकर मैच नहीं जीता था। आज आईपीएल के सुपरस्टार बने रिंकू सिंह की कहानी काफी गरीबी से शुरू होती है।

पिता करते थे गैस सिलेंडर डिलीवरी का काम।

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अलीगढ़ के रहने वाले रिंकू सिंह के पिता सिलेंडर की डिलीवरी करते थे। वहीं उनका भाई ऑटो रिक्शा चलाता था। बता दें कि यूपी के इस खिलाड़ी के पांच भाई-बहन हैं। रिंकू पढ़ाई में कमजोर थे और उन्होंने नवी कक्षा से ही पढ़ाई छोड़ दी थी। रिंकू सिंह का जन्म 12 अक्टूबर 1997 को उत्तरप्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था। 25 वर्षीय खिलाड़ी ने अपना बचपन 2 कमरों के घर में बिताया है। उनका पढ़ाई में मन नहीं लगता था इसलिए पिता उनकी पिटाई करते थे। दिल्ली में खेले गए एक टूर्नामेंट में उन्हें इनाम के तौर पर बाइक मिली थी मिली, जिसे उन्होंने अपने पिता को सौंप दी। इसके चलते रिंकू की पिटाई तो बंद हो गई थी, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति खराब बनी हुई थी। ऐसे में रिंकू ने नौकरी करने का फैसला किया।

कभी झाड़ू पोंछा का किया काम आज बने सुपरस्टार।

रिंकू ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं थे इसीलिए उन्हें कोई अच्छी जॉब नहीं मिली। उन्हें कोचिंग क्लास में साफ-सफाई और झाड़ू पोछा करने यानी कि हाउसकीपिंग का काम मिला। हालांकि कुछ दिनों बाद उन्होंने यह काम छोड़ दिया और खेल पर फोकस करने लगे। जल्दी उनका सिलेक्शन उत्तर प्रदेश की टीम में हो गया। साल 2018 के सीजन में रिंकू सिंह को 80 लाख रुपये की कीमत में कोलकाता नाइट राइडर्स ने अपनी टीम में शामिल किया। तब से वह केकेआर से जुड़े हुए हैं। इस सीजन में में लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। आज सोशल मीडिया पर हर तरफ उनके ही चर्चे हैं।

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