भारत की महिला क्रिकेट टीम ने अंडर-19 टी विश्व कप जीत लिया है। इस जीत में अहम भूमिका निभाई है सौम्या तिवारी ने। उन्होंने फाइनल मैच में 37 गेंदों पर नाबाद 24 रन बनाए। अंडर 19 विश्व कप में भारत की जीत पर क्रिकेटर सौम्या तिवारी के पिता ने कहा कि मेरी बेटी का सपना था कि वो विश्व कप खेले। उसने मैच में टिक कर अपनी टीम को जीत दिलवाई। उसकी जीत पर हम सब बहुत खुश है। उसका लक्ष्य है कि वो भारतीय टीम में शामिल होकर देश के लिए कुछ करे। वहीं, उनकी मां ने कहा कि महिला अंडर-19 टी-20 विश्व कप जीतने के बाद सौम्या तिवारी की मां ने कहा कि सिर्फ मेरी बेटी का ही नहीं, मेरा भी सपना पूरा हो गया है। मेरे पास आज कहने के लिए कुछ नहीं है। भगवान ने हमारी सुन ली। हम बहुत खुश हैं।
#WATCH | “Not only my daughter’s dream but mine too has come true. I have nothing to say today. God listened to us. We are very happy,” says mother of Indian cricketer Soumya Tiwari after India won Women’s U19 T20 World Cup pic.twitter.com/EfR0YKjqfc
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) January 29, 2023
विराट कोहली की फैन हैं सौम्या तिवारी
सौम्या तिवारी विराट कोहली की बहुत बड़ी फैन हैं। वह भारत के पूर्व कप्तान की इतनी प्रशंसा करती हैं कि उनके टीम की साथी अक्सर उन्हें ‘अपनी विराट’ कहते हैं। सौम्या के साथी भले ही उन्हें मजाक में विराट कहते हों, लेकिन सौम्या को यह सुनकर बहुत अच्छा लगता है। वह कोहली की तरह 18 नंबर की जर्सी पहनती हैं और उन्हीं की तरह बल्लेबाजी करने की कोशिश करती हैं। उन्होंने अपने कमरे में विराट कोहली की कई तस्वीरों को भी लगा रखा है। भोपाल की इस युवा क्रिकेटर का कहना है कि वह दबाव भरे हालातों में विराट की पारियां याद करती हैं और सोचती हैं कि विराट इस स्थिति में कैसे खेलते। इसी सोच के साथ खेलते हुए वह घरेलू क्रिकेट में कई बार लक्ष्य का पीछा करते हुए कमाल कर चुकी हैं।
2016 में की शुरुआत
सौम्या ने 2016 में क्रिकेट खेलना शुरू किया था। हालांकि, तब उन्होंने इस खेल में अपना करियर बनाने के बारे में नहीं सोचा था। उनके घरवाले बताते हैं कि बचपन से ही क्रिकेट के प्रति उनमें बहुत रुचि थी। वे अपने बचपन में वह प्लास्टिक के बल्ले और कपड़े धोने वाली मोगरी से क्रिकेट खेलती थीं। उनकी रुचि को देखकर उनके पिता और बड़ी बहन ने क्रिकेट सीखने के लिए उन्हें अकादमी में भर्ती कराया। गर्मियों की छुट्टियों के दौरान उनकी बड़ी बहन साक्षी उन्हें एक प्रसिद्ध स्थानीय कोच सुरेश चेनानी के पास ले गईं। लेकिन उस समय, चेनानी की अकादमी में महिला क्रिकेटरों के लिए सुविधाएं नहीं थीं। इस वजह से सौम्या को कई बार कोच चेनानी से मिलना पड़ा। इसके बाद चेनानी को लगा कि सौम्या के अंदर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने की क्षमता है।
11 साल की सौम्या को कोच ने 14 साल के लड़कों के साथ अभ्यास करने का मौका दिया और सौम्या राजी हो गईं। उस दौरान वे अपनी उम्र से बड़ी लड़कियों और लड़कों के साथ प्रैक्टिस करती थीं। तीन साल तक लड़कों के साथ प्रैक्टिस करने के बाद राज्य के चयनकर्ताओं की नजर उन पर पड़ी और 13 साल की उम्र में सौम्या को मध्यप्रदेश की अंडर -23 टीम में जगह मिल गई।
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बालों की स्टाइल सेलेक्शन में आई थी आड़े
सौम्या टीम इंडिया में बतौर ऑलराउंडर खेलती हैं। सौम्या को एक समय अपने बालों की स्टाइल के कारण मुसीबतों का सामना भी करना पड़ा था। दरअसल वे ब्वॉयकट हेयर स्टाइल रखती हैं। इसके कारण उन्हें काफी समय तक टीम से बाहर रखा गया, लेकिन अपनी मेहनत और जज्बे के दम पर उन्होंने आखिर मंजिल को पा ही लिया।
पिता भी रहे हैं क्रिकेटर
सौम्या के पिता भी स्थानीय डिवीजन क्रिकेट खेल चुके हैं और उन्होंने बेटी को इस खेल में करियर बनाने के लिए काफी प्रेरित किया। सौम्या का कहना है कि उनका परिवार हमेशा उनके सपने को पूरा करने में मददगार रहा है।
इस साल अप्रैल में सौम्या ने मध्य प्रदेश की सीनियर महिला टीम में पदार्पण किया था। भारत की अंडर-19 महिला टीम का एक अभिन्न हिस्सा रही हैं। अब उन्होंने पहले महिला अंडर-19 विश्व कप में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम बनाया है।
सौम्या भविष्य को लेकर ज्यादा नहीं सोचती हैं। वह कोहली से प्रेरणा लेकर बल्लेबाजी करना चाहती हैं और जिस भी टीम के लिए खेलें, उसे जीत दिलाना चाहती हैं।